Dr Manohar Re Solution CLASS 10 CHAPTER 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Areas and Volumes) प्रश्नावली 13 (E)

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 प्रश्नावली 13 (E)

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिये हैं। सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.

एक 22 सेमी आंतरिक किनारे वाले खोखले घन को 0.5 सेमी व्यास वाले गोलाकार कंचों से भरा जाता है तथा यह कल्पना की जाती है कि घन का $\frac{1}{8}$ स्थान भरा नहीं जा सकता है, तब घन में समावेशित होने वाले कंचों की संख्या है :
(i) 142244
(ii) 142396
(iii) 142496
(iv) 142596

हल : 
दिया है,

घन की भुजा =22 सेमी

∴ घन का आयतन =भुंजा$^{3}=(22)^{3}$=10648 सेमी 3 एक के कंचे का व्यास =0.5 सेमी

त्रिज्या $=\frac{0.5}{2}=0.25$ सेमी

एक कंचे का आयतन 
$\begin{aligned}&=\frac{4}{3} \pi r^{3} \\ &=\frac{4}{3} \times \frac{22}{7} \times(0.25)^{3} \\ &=\frac{1.375}{21} \end{aligned}$
=0.0655 सेमी $^{3}$

∴घन का कंचों से भरा भाग $=10648-10648 \times \frac{1}{8}$
=10648-1331=9317 सेमी $^{3}$

अतः कंचों की अभीष्ट संख्या = घन का कंचों से भरा भाग / एक कंचे का आयतन
$=\frac{9317}{0.0655}$
=142244 (लगभग)

अत : विकल्प (i) सही है।
उत्तर

अतः विकल्प (i) सही है।

प्रश्न 2.

 क्रमशः अंतरिक और बाहरी व्यास 4 सेमी और 8 सेमी वाले एक धातु के गोलाकार खोल को पिघलाकर आधार व्यास 8 सेमी के एक शंकु के आकार में ढाला जाता है। इस शंकु की ऊँचाई है :
(i) 12 सेमी
(ii) 14 सेमी
(iii) 15 सेमी
(iv) 18 सेमी।

हल : 
माना गोलीय कोश का आंतरिक व्यास =4 सेमी

गोलीय कोश की अंतरिक त्रिज्या, $r_{1}=\frac{4}{2}=2$ सेमी

और गोलीय कोश का बाहरी व्यास =8 सेमी

गोलीय कोश की बाहरी त्रिज्या, $r_{2}=\frac{8}{2}=4$ सेमी

∴ गोलीय कोश का आयतन 
$\begin{aligned}  &=\frac{4}{3} \pi\left(r_{2}^{3}-r_{1}^{3}\right) \\ &=\frac{4}{3} \pi\left(4^{3}-2^{3}\right) \\ &=\frac{4}{3} \pi(64-8) \\ &=\frac{4}{3} \pi \times 56=\frac{224}{3} \pi \end{aligned}$ सेमी

∵ गोलीय कोश को पिंघलाकर एक शंकु बनाया गया है। माना.शंकु की ऊँचाई $=h$ सेमी

दिया है, शंकु के आधार का व्यास =8 सेमी

∴ शंकु के आधार की त्रिज्या $=\frac{8}{2}=4$ सेमी

प्रश्नानुसार, शंकु का आयतन = गोलीय कोश का आयतन

$\Rightarrow \begin{aligned} \frac{1}{3} \pi r^{2} h &=\frac{224}{3} \pi \\ \frac{1}{3} \pi(4)^{2} \times h &=\frac{224}{3} \pi \\ \Rightarrow & h=\frac{224 \pi \times 3}{3 \times 16 \pi}=\frac{224}{16} \end{aligned}$
=14 सेमी

अतः बेलन की ऊँचाई =14 सेमी

अतः विकल्प (ii) सही है।

प्रश्न 3. 

विमाओं 49 सेमी $\times 33$ सेमी $\times 24$ सेमी के घनाम के आकार के लोहे के किसी ठोस टुकड़े को पिंघलाकर एक ठोस गोले के रूप में ढाला जाता है। गोले की त्रिज्या है :
(i) 21 सेमी
(ii) 23 सेमी
(iii) 25 सेमी
(iv) 19 सेमी।
हल : 
दिया है, लोहे के टुकड़े की लम्बाई =49 सेमी

चौड़ाई =33 सेमी

ऊँचाई =24 सेमी

∴ लोहे के टुकड़े (घनाम) का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई 
=49 × 33 × 24=38808 सेमी $^{3}$

∵ लोहे के टुकड़े को पिघलाकर गोला बनाया गया है।

माना गोले की त्रिज्या = r सेमी
गोले का आयतन $=\frac{4}{3} \pi r^{3}$

प्रश्नानुसार,  गोले का आयतन = लोहे के टुकड़े का आयतन  

$\begin{array}{ll} \Rightarrow & \frac{4}{3} \pi r^{3}=38808 \\ \Rightarrow & \frac{4}{3} \times \frac{22}{7} r^{3}=38808 \\ \Rightarrow & r^{3}=\frac{38808 \times 3 \times 7}{4 \times 22} \\ \Rightarrow & r^{3}=\frac{814968}{88} \\ \Rightarrow & r^{3}=9261 \\ \Rightarrow & r=\sqrt[3]{21 \times 21 \times 21}\end{array}$
⇒ r=21 सेमी


प्रश्न 4. 

कोई मिस्त्री इंटों से विमाओं 270 सेमी $\times 300$ सेमी $\times 350$ सेमी की एक दीवार बनाता है, जिनमें से प्रत्येक इंट की माप 22.5 सेमी $\times 11.25$ सेमी $\times 8.75$ सेमी है। यदि यह मान लिया जाए कि दीवार का $\frac{1}{8}$ भाग मसाले से भरा जाता है, तो दीवार को बनाने में लगी ईंटों की संख्या है :
(i) 11100
(ii) 11200
(iii) 11000
(iv) 11300 .
हल : 
दीवार का आयतन $=270 \times 300 \times 350$ सेमी $^{3}=28350000$ घन सेमी

∵ दीवार का $\frac{1}{8}$ वाँ भाग मसाले से ढका है।

∴ दीवार का शेष भाग 
$\begin{aligned} &=28350000-28350000 \times \frac{1}{8} \\ &=28350000-3543750 \end{aligned}$
=24806250 सेमी $^{3}$

अब, एक ईंट का आयतन $=22.5 \times 11.25 \times 8.75=2214.844$ सेमी $^{3}$

∴अभीष्ट ईंटों की संख्या = दीवार का आयतन (गारे रंहित) / एक इंट का आयतन 

$=\frac{24806250}{2214.844}=11200$ इंटें (लगभग)

अतः विकल्प (ii) सही है।


प्रश्न 5. 

आधार व्यास 2 सेमी और ऊँचाई 16 सेमी वाले धातु के एक ठोस बेलन को पिघलाकर समान माप के बारह ठोस गोले बनाये जाते हैं। प्रत्येक गोले का व्यास है :
(i) 4 सेमी
(ii) 3 सेमी
(iii) 2 सेमी
(iv) 6 सेमी
हल : 
दिया है, ∴ बेलन का व्यास =2 सेमी और त्रिज्या =1 सेमी 

∴ बेलन की ऊँचाई= 16 सेमी

बेलन का आयतन$=\pi r^{2} h$
$=\pi(1)^{2} \times 16$
=16𝛑 सेमी $^{3}$

∵ बेलन को पिघलाकर 12 गोले बनाए गए हैं।

माना गोले की त्रिज्या =r सेमी

तब, गोले का आयतन $=\frac{4}{3} \pi r^{3}$

प्रश्नानुसार, 12 गोलों का आयतन = बेलन का आयतन

$\begin{aligned}\Rightarrow 12 \times \frac{4}{3} \pi r^{3} &=16 \pi \\16 \pi r^{3} &=16 \pi \\r^{3} &=1 \\r &=1\end{aligned}$

अतः प्रत्येक गोले का व्यास =2× त्रिज्या
=2×1=2 सेमी

अतः विकल्प (iii) सही है।उत्तर

प्रश्न 6.

 तिर्यक ऊँचाई 45 सेमी वाली एक बात्टी के ऊपरी और निचले सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 28 सेमी और 7 सेमी हैं। इस बात्टी का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल है :
(i) 4950 सेमी $^{2}$.
(ii) 4951 सेमी
(iii) 4952 सेमी
(iv) 4953 सेमी
हल : 
दिया है,

बाल्टी की ऊपरी त्रिज्या, R=28 सेमी

बाल्टी की तली की त्रिज्या, r=7 सेमी

तिर्यक ऊँचाई =45 सेमी

∴ बाल्टी का 'वक्रपृष्ठीय' क्षेत्रफल $=\pi l(\mathrm{R}+r)=\pi \times 45(28+7)$

$\begin{aligned}&=\frac{22}{7} \times 45 \times 35 \\&=22 \times 45 \times 5\end{aligned}$
=4950 वर्ग सेमी

अतः विकल्प (i) सही है।

प्रश्न 7. 

दवाई का एक कैप्सूल 0.5 सेमी व्यास वाले एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरों पर दो अर्धगोले लगे हुए हैं। सम्पूर्ण कैप्सूल की लम्बाई 2 सेमी है। इस कैप्तूल की धारिता है :
(i) 0.36 सेमी
(ii) 0.35 सेमी
(iii) 0.34 सेमी
(iv) 0.33 सेमी
हल : 
दिया है,

बेलन का व्यास = अर्द्धगोलें का व्यास =0.5 सेमी

∴ बेलन की त्रिज्या = अर्द्धगोले की त्रिज्या $(r)=\frac{0.5}{2}$ सेमी =0.25 सेमी


और कैप्सूल की लम्बाई =2 सेमी

∴ कैप्सूल के बेलनाकार भाग. की लम्बाई, h=2-(0.25+0.25)=2-0.50=1.5 सेमी 

अब, कैप्सूल की धारिता = बेलनाकार भाग का आयतन +2 × अर्द्धगोले का आयतन

$\begin{aligned}&=\pi r^{2} h+2 \times \frac{2}{3} \pi r^{3} \\&=\frac{22}{7}\left[(0.25)^{2} \times 1.5+\frac{4}{3} \times(0.25)^{3}\right] \\&=\frac{22}{7}(0.09375+0.0208) \\&=\frac{22}{7} \times 0.11455\end{aligned}$
=0.36  सेमी $^{3}$

अतः विकल्प (i) सही है।

प्रश्न 8. 

एक ही आधार त्रिज्या $r$ वाले दो ठोस अर्धगोलों को उनके आधारों के अनुदिश जोड़ दिया गया है। तब नये ठोस का वक्रं पृष्ठीय क्षेत्रफल है :
(i) $4 \pi r^{2}$
(ii) $6 \pi^{2}$
(iii) $3 \pi r^{2}$
(iv) $8 \pi r^{2}$.

हल : 
क्योंकि, अर्द्नगोले का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल $2 \pi i^{\prime}$ है। यहाँ, हम समान त्रिज्या r के दो अर्द्धगोलों को उनके आधारों से जोड़ते हैं और वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल के लिए; हम आधार का क्षेत्रफल नहीं लेते हैं।
अर्थात् $2 \pi r^{2}+2 \pi r^{2}=4 \pi r^{2}$
अतः विकल्प (i) सही है। उत्तर

प्रश्न 9. 

त्रिज्या r सेमी और h सेमी (h>2r) वाले एक लम्ब वृत्तीय बेलन में ठीक समावेशित' होने वाले गोले का व्यास है :
(i) r सेमी
(ii) 2r सेमी
(iii) h सेमी
(iv) 2h सेमी
हल : 
चूँकि एक लम्बवृत्तीय बेलन में एक गोला ठीक समावेशित होने पर गोले का व्यास लम्बवृत्तीय बेलन के व्यास के बराबर होगा अर्थात् बेलन का व्यास 2r सेमी के समान होगा।
अतः विकल्प (ii) सही है। उत्तर

प्रश्न 10.

 ठोस को एक आकार से दूसरे आकार में बदलने प़र नये आकार का आयतन :
(i) बढ़ जाता है
(ii) घट जाता है
(iii) वही रहता है
(iv) दुगुना हो जाता है।

हल : 
एक ठोस को एक-एक आकार से दूसरे आकार में बदलने पर नये आकार का आयतन वही रहता है। अतः विकल्प (iii) सही है।उत्तर

प्रश्न 11.

 एक बात्टी के दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 44 सेमी और 24 सेमी हैं तथा बात्टी की ऊँचाई 35 सेमी है। इस बाल्टी की धारिता है।
(i) $32.7$ लीटर
(ii) $33.7$ लीटर
(iii) $34.7$ लीटर
(iv) $31.7$ लीटर

हल : 
दिया है, बाल्टी के ऊपरी सिरे का व्यास, $d_{1}=44$ सेमी

त्रिज्या, $\mathrm{R}=\frac{44}{2}=22$ सेमी

निचले सिरे का व्यास, $d_{2}=24$ सेमी

त्रिज्या, $r=\frac{24}{2}=12$ सेमी

बाल्टी की ऊँचाई $=35$ सेमी

बाल्टी की धारिता = शंकु के छिन्नक का आयतन

$\begin{aligned}&=\frac{1}{3} \pi h\left[\mathrm{R}^{2}+r^{2}+\mathrm{R} r\right] \\&=\frac{1}{3} \times \pi \times 35\left[(22)^{2}+(12)^{2}+22 \times 12\right] \\&=\frac{35 \pi}{3}[484+144+264]=\frac{35 \pi \times 892}{3} \\&=\frac{35 \times 22 \times 892}{3 \times 7}=\frac{686840}{21} \end{aligned}$
=32706.67 सेमी $^{3}$
=32.7 लीटर
( 1000 सेमी $^{3}=1$ लीटर)

अतः विकल्प (i) सही है।

प्रश्न 12. 

एक लम्ब वृत्तीय शंकु में, उसके आधार के समान्तर खींचे गये तल द्वारा काटा गया अनुप्रस्थ-काट होता है एक
(i) वृत्त
(ii) शंकु का छिन्नक
(iii) गोला
(iv) अर्धगोला।

हल : 
हम जानते हैं कि, जब एक शंकु को उसके आधार के समान्तर एक तल की सहायता से काटा जाता है, तब आधार के समान्तर खींचे गए तल द्वारा काटा गया अनुप्रस्थ परिच्छेद वृत्त कहलाता है।
अतः विकल्प (i) सही है। उत्तर

प्रश्न 13. 

दो गोलों के आयतनों का अनुपात $64: 27$ है। उनके पृष्ठीय क्षेत्रफलों का अनुपात है :
(i) $3: 4$
(ii) $4: 3$
(iii) $9: 16$
(iv) $16: 9$.

हल : 
माना दोनों गोलों की त्रिज्याएँ क्रमशः $r_{1}$ व $r_{2}$ हैं।

$r_{1}$ त्रिज्या के गोले का आयतन $=\frac{4}{3} \pi r_{1}^{3}$............(i)

$r_{2}$ त्रिज्या के गोले का आयतंन $=\frac{4}{3} \pi r_{2}^{3}$.........(ii)

प्रश्नानुसार,

$\frac{\frac{4}{3} \pi r_{1}^{3}}{\frac{4}{3} \pi r_{2}^{3}}=\frac{64}{27}$
$\frac{r_{1}^{3}}{r_{2}^{3}}=\frac{64}{27} \Rightarrow\left(\frac{r_{1}}{r_{2}}\right)^{3}=\left(\frac{4}{3}\right)^{3}$
$\frac{r_{1}}{r_{2}}=\frac{4}{3}$

वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफलों के अनुपात $=\frac{4 \pi r_{1}^{2}}{4 \pi r_{2}^{2}}=\left(\frac{r_{1}}{r_{2}}\right)^{2}$

$=\left(\frac{4}{3}\right)^{2}=\frac{16}{9}$ या 16: 9

अतः विकल्प (iv) सही है।

प्रश्न 14. 

यदि आधार का परिमाप 33 मीटर है, तब शंकु की त्रिज्या होगी :
(i) $\frac{21}{2}$ मी.
(ii) $\frac{21}{4}$ मी.
(iii) $\frac{21}{5}$ मी.
(iv) 21 मी.।

हल : शंकु के आधार का परिमाप, या

$\begin{aligned}&r=\frac{33 \times 7}{2 \times 22} \\&r=\frac{21}{4} \end{aligned}$ मी.
अतः विकल्प (ii) सही है।

प्रश्न 15

अर्ब्द गोलाकार कटोरी की एक कोर की परिधि 132 सेमी है। तब व्यास होगा-
(i) 21 सेमी
(ii) $10.5$ सेमी
(iii) 42 सेमी
(iv) 11 सेमी।

हल : 
अर्द्ध गोलाकार कटोरी की एक कोर की परिधि $=132$ सेमी

अर्थात् $2 \pi r=132$

$\begin{aligned}&r=\frac{132 \times 7}{2 \times 22} \\&r=21\end{aligned}$

व्यास $=2 r=2 \times 21=42$ सेमी

.अतः विकल्प (iii) सही है। उत्तर

प्रश्न 16. 

एक लकड़ी के ठोस शंकु के आधार की परिधि 44 मीटर और ऊँचाई 9 मी. है। शंकु का आयतन होगा:
(i) 462 मी
(ii) 472 मी
(iii) 452 मी
(iv) 482 मी०

हल: 
शंकु के आधार की परिधि, $2 \pi r=44$ मी

$r=\frac{44 \times 7}{2 \times 22}=7$ मी. 
ऊँचाई, h=9 मी.

तब शंकु का आयतन

$\begin{aligned}  &=\frac{1}{3} \pi r^{2} h \\ &=\frac{1}{3} \times \frac{22}{7} \times 7 \times 7 \times 9  \end{aligned}$
=462 घन मीटर।

अतः |विकल्य (i) सही है।

प्रश्न 17. 

किसी गोले के पृष्ठ का क्षत्रफल 616 सेमी $^{2}$ है, तब आयतन होगा :
(i) $1796.66$ सेमी
(ii) $1438.33$ सेमी
(iii) $1447.33$ सेमी
(iv) $1437.33$ सेमी

हल : 
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल, $4 \pi r^{2}=616$

$\begin{aligned}r^{2} &=\frac{616 \times 7}{4 \times 22}=7 \times 7\end{aligned}$
r=7 सेमी

गोले का आयतन $=\frac{4}{3} \pi r^{3}$

$\begin{aligned}&=\frac{4}{3} \times \frac{22}{7} \times 7 \times 7 \times 7 \end{aligned}$
=1437.33 घन सेमी।

अतः विकल्प (iv) सही है।उत्तर

प्रश्न 18. 

एक शंकु के छिन्नक के सिरों के व्यास 32 सेमी तथा 20 समी हैं। यदि तिर्यक ऊँचाई 10 सेमी हो, तब पार्व तल का क्षेत्रफल होगा :
(i) 275 सेमी
(ii) 260 सेमी 2
(iii) $260 \pi$ सेमी
(iv) $275 \pi$ सेमी?
हल :
दिया है,

$r_{1}=\frac{32}{2}$=16 सेमी 
$r_{2}=\frac{20}{2}$=10 सेमी

तिर्यक ऊँचाई, l=10 सेमी

∴ शंकु के पार्श्व तल का क्षेत्रफल
$\begin{aligned} &=\pi l\left(r_{1}+r_{2}\right) \\&=\pi \times 10(16+10) \end{aligned}$
=260𝛑 वर्ग सेमी

अतः विकल्प (iii) सही है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 19.

 व्यास 3 मिमी. वाले ताँबे के एक तार को 12 सेमी. लम्बे और 10 सेमी. व्यास वाले एक बेलन पर इस प्रकार लपेटा जाता है कि वह बेलन के वक्र पृष्ठ को पूर्णतया' ढक लेता है। तार की लम्बाई और द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, यह मानते हुए कि ताँबे का घनत्व 8.88 ग्राम प्रति सेमी. 3 है।
हल : 
दिया गया है : तार का व्यास $=3$ मिमी.

$\therefore$ तार एक चक्कर में बेलन की पृष्ठीय मोटाई का 3 मिमी. (अर्थात् $\frac{3}{10}$ सेमी.) स्थान को ढक्ता है। तार की वक्र पृष्ठीय लम्बाई $=12$ सेमी.

मान लीजिए तार को $n$ बार लपेटा जाता हो, तब

$n=\frac{12}{3 / 10}=\frac{120}{3}=40$

अतः तार, बेलन के वक्रपृष्ठ को 40 लपेटों में पूर्णतया ढक लेगा।

तार का व्यास $=\frac{3}{10} \mathrm{~cm}$

$\therefore \quad$ तार की त्रिज्या $=\frac{3}{10} \times \frac{1}{2}$ सेमी. $=\frac{3}{20}$ सेमी.
दिया है : बेलन का व्यास $=10$ सेमी.

$\therefore \quad$ बेलन की त्रिज्या $(r)=\frac{10}{2}=5$ सेमी.

$\therefore$ बेलन को एक बार लेपटने के लिए तार की अभीष्ट लम्बाई $=$ परिधि $=2 \pi r$
$=2 \times \pi \times 5$ सेमी. $=10 \pi$ सेमी.

बेलन को 40 बार लपेटने के लिए तार की अभीष्ट लम्बाई

$\begin{aligned}&=40 \times 10 \pi=400 \pi  \\&=400 \times 3.14 \end{aligned}$
=1256  सेमी.

तार का आयतन $=\pi r^{2} h=\frac{22}{7} \times \frac{3}{20} \times \frac{3}{20} \times 1256$ सेमी. $^{3}$ तार का घनत्व $=8.88$ ग्राम/सेमी. ${ }^{3}$

तार का' द्रव्यमान' = तार का आयतन × तार का घनत्व

$\begin{aligned}&=\left[\frac{22}{7} \times \frac{3}{20} \times \frac{3}{20} \times 1256\right] \times 8.88 \\&=\frac{22}{7} \times \frac{3}{20} \times \frac{3}{20} \times 1256 \times \frac{888}{100} \end{aligned}$
=788 ग्राम।


प्रश्न 20.

 एक समकोण त्रिभुज, जिसकी भुजाएँ 3 सेमी. और 4 सेमी. हैं (कर्ण के अतिरिक्त ), को उसके कर्ण के परितः घुमाया जाता है। इस प्रकार प्राप्त द्वि-शंकु (double cone) के अयतन और पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। ( $\pi$ का मान जो भी उपयुक्त लगे, प्रयोग कीजिए।)

हल :
दिया हैं : समकोण $\triangle \mathrm{ABC}$ जिसमें $\angle \mathrm{A}=90^{\circ}$ और $\mathrm{AB}=3$ सेमी. और $\mathrm{AC}=4$ सेमी.

$\therefore$ कर्ण $\mathrm{BC}=\sqrt{3^{2}+4^{2}}=5$ सेमी.

चूँकि, दूसरा शंकु कर्ण के परितः घुमाकर बनाया गया है, जिसका आधार $\mathrm{AA}^{\prime}$ है। इस प्रकार दो शंकु $\mathrm{ABA}^{\prime}$ और $\mathrm{ACA}^{\prime}$ बनते हैं।


अब,$\frac{A D}{C A}=\frac{A B}{C B}$

$\because \Delta \mathrm{ADB} \sim \Delta \mathrm{CAB}$

$\frac{\mathrm{AD}}{4}=\frac{3}{5}$

या $\mathrm{AB}=\frac{3}{5} \times 4=\frac{12}{5}$ सेमी.

तथा $\frac{\mathrm{DB}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{CB}}$

या $\frac{\mathrm{DB}}{3}=\frac{3}{5}$

या चूँकि

$\mathrm{DB}=\frac{3 \times 3}{5}=\frac{9}{5}$ सेमी.
$\mathrm{CD}=\mathrm{BC}-\mathrm{DB}$
$\mathrm{CD}=5-\frac{9}{5}=\frac{16}{5} $  सेमी.

 अब द्वि-शंकु का आयतन

$=\left[\frac{1}{3} \pi \times\left(\frac{12}{5}\right)^{2} \frac{9}{5}+\frac{1}{3} \pi \times\left(\frac{12}{5}\right)^{2} \times \frac{16}{5}\right]$ सेमी $^{3}$
$=\frac{1}{3} \pi \times\left(\frac{12}{5}\right)^{2}\left[\frac{9}{5}+\frac{16}{5}\right]$ सेमी. $^{3}$
$=\frac{1}{3} \pi \times \frac{144}{25} \times 5$ सेमी. $^{3}$
$=\frac{1}{3} \times \frac{314}{100} \times \frac{144}{25} \times 5$ सेमी $^{3}=30.14$ सेमी. $^{3}$ ज्त्तर

द्विशांकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल

$=\left(\pi \times \frac{12}{5} \times 3\right)+\left(\pi \times \frac{12}{5} \times 4\right)$ सेमी.

 $^{2}=\pi \times \frac{12}{5}[3+4]$ सेमी. $^{2}$ $=\frac{314}{100} \times \frac{12}{5} \times 7$ सेमी. $^{2}=52.75$ सेमी. $^{2}$

प्रश्न 21. 

एक टंकी, जिसके अंतरिक मापन 150 सेमी. $\times 120$ सेमी. $\times 110$ सेमी. हैं, में 129600 सेमी. $^{3}$ पानी है। इस पानी में कुछ छिद्र वाली इंटें तब तक डाली जाती हैं, जब तक कि टंकी पूरी ऊपर तक भर न जाए। प्रत्येक इंट अपने आयतन का $\frac{1}{17}$ पानी सोख लेती है। यदि प्रत्येक ईंट की माप $22.5$ सेमी. $\times 7.5$ सेमी. $\times 6.5$ सेमी. हैं, तो टंकी में कुल कितनी इटें डाली जा सकती हैं, ताकि उसमें से पानी बाहर न बहे ?
हल : 
$\because$ टंकी के अन्दर की भुजाएँ इस प्रकार हैं :

लम्बाई $=150$ सेमी, चौड़ाई $=120$ सेमी और ऊँचाई $=110$ सेमी. हों, तब

टंकी का आयतन $=150 \times 120 \times 110=1980 \Leftrightarrow 00$ सेमी.

टंकी में पानी का आयतन $=129600$ सेमी. $^{3}$

$\therefore \quad$ टंकी में खाली स्थान का आयतन $=1980000-129600$ सेमी. $^{3}$

=1850400 सेमी. $^{3}$

अब, एक ईंट का आयतन $=22.5 \times 7.5 \times 6.5$ सेमी.

$\begin{aligned}&=\frac{225}{10} \times \frac{75}{10} \times \frac{65}{10} \mathrm{~cm}^{3} \\&=1096.875 \text { सेमी. }^{3}\end{aligned}$

$\therefore$ पानी का आयतन जो एक ईंट सोखती है $=\frac{1}{17} \times 1096.875$ सेमी. $^{3}$

माना टंकी में ' x ' इटें डाली जा सकती हैं

$\therefore x$ ईंटों द्वारा सोखे गये पानी का आयतन $=\frac{x}{17} \times\left(1096.875\right.$ सेमी. $^{3}$

$\because x$-इंटों का आयतन = टंकी में खाली बची जगह +x-इंटों द्वारा सोखे गए पानी का आयतन

$\therefore [x \times(1096.875)]=\left[1850400+\frac{x}{17}(1096.875)\right]$

या  $1096.875 x-\frac{x}{17}(1096.875)=1850400$

या $\left(x-\frac{x}{17}\right) \times 1096.875=1850400$

$\begin{aligned} \frac{16}{17} x &=\frac{1850400}{1096.875} \\ x &=\frac{1850400}{1096875} \times 1000 \times \frac{17}{16} \\ &=1792.4102 \approx 1792 \end{aligned}$

इस प्रकार, टंकी में लगभग 1792 इटें डाली जा सकती हैं। उत्तर

प्रश्न 22. 

किसी महीने के 15 दिनों में, एक नदी की घाटी में 10 सेमी. वर्षा हुई। यदि इसे घाटी का क्षेत्रफल 7280 किमी. $^{2}$ है, तो दर्शाइए कि कुल वर्षा लगभग तीन नदिरों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य थी, जबकि प्रत्येक नदी 1072 किमी. लम्बी, 75 मी. चौड़ी और 3 मी. गहरी है।
हल : 
दिया है :
एक नदी की लम्बाई =1072 किमी

चौड़ाई $=\frac{75}{1000}$ किमी

 ऊँचाई $=\frac{3}{1000} $ किमी

एक नदी का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई .

तीनों नदियों का आयतन =3 (लम्बाई × चौड़ाई × उँचाई

$\begin{aligned}&=3\left(1072 \times \frac{75}{1000} \times \frac{3}{1000}\right) \\&=3\left\{\frac{241200}{1000000} \right\} \\&=\frac{723600}{1000000} \end{aligned}$
=0.7236 किमी. $^{3}$.........(1)

15 दिनों में हुई वर्षा का आयतन=क्षेत्रफल × वर्षा की ऊँचाई
$\begin{aligned}&=7280 \times \frac{10}{100 \times 1000}\\&=\frac{728}{1000}\end{aligned}$
 =728 किमी. $^{3}$........(2)

समीकरण (1) तथा (2) से,

∵ कुल वर्षा तीन नदियों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य है इति सिद्धम्।

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